अनामिका को ही ले लो. एक रॉन्ग नंबर से शुरू हुयी अनामिका और पार्थ की कहानी बिलकुल साधारण सी थी- एकदम मासूम. पर अनामिका को ये कहाँ पता था की जिस प्रेम के रास्ते को वो सीधा सादा मानती है एक भूल भुलैय्या से काम नहीं. वो तो निश्छल पार्थ से प्यार करती है तो उस अमीर, दिलफेंक अर्जुन में ऐसा क्या है जो उसे अपनी और खींचता है? इतना गहरा रिश्ता होने क्के बावजूद क्यों पार्थ उससे कभी मिलने नहीं आता? बिना किसी लड़के को देखे हुए उसे दिल देने की गलती क्या अनामिका को एक ऐसी अनदेखे अनसुने रास्ते पर ले जाएगी जिससे वो कभी लौट नहीं पाएगी.