व्यर्थ चिंता हैं जीवन की व्यर्थ हैं मृत्यु का भय आत्म को ना मार पाते शास्त्र , अग्नि , ना समय...... पांच भूतों की बनी ये देह केवल वस्त्र हैं....... पांच भूतों की बनी ये देह केवल वस्त्र हैं आत्म का जो वास्तविक हैं घर कहि अन्यत्र हैं.......... हे परिवर्तन ही सत्य झूठ सबका साथ हैं कुछ ना खोना कुछ ना पाना रिक्त रहते हाथ है........ ईश्वर स्वयं हैं सृष्टि  सारी कहाँं उसको खोजना......... जो भी होता शुभ ही होता सब उसी की योजना........ कामनाये फल की छूटे वो ही सच्चा कर्म हैं ईश्वर चरण में हो समर्पण वो ही केवल धर्म हैं........  व्यर्थ चिंता हैं जीवन की व्यर्थ हैं मृत्यु का भय आत्म को ना मार पाते शास्त्र , अग्नि ना समय............. हरे कृष्णा हरि बोल राधे राधे 🙏🌹🌺🏵️.
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AkshitaGoyal490 AkshitaGoyal490 Mar 30, 2023 05:38AM
राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएंँ आप सभी को मेरी ओर से ♥️♥️♥️.जय श्री रामजय श्री सिया रामजय बजरंगबली❤️❤️❤️.
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