एक लड़का जो बचपन से अपनी दोस्त को चाहता हैं मगर इस डर से की वो उसके इजहार से कंही गुस्सा न हो जाये क्योंकि उसकी दोस्त की उसकी तरफ ऐसी भावनाएं नहीं रहीं सो कभी इजहार नहीं कर पाया.....फिर कुछ सालों बाद एक दिन उसने अपनी दोस्त को बातों ही बातों में यह सब बता दिया....इन अहसासों पर ही मैंने ये पंक्तियां लिखी हैं।