सागर खामोश है। मगर, लहरों ने शोर मचा रक्खा है।। बात मुकम्मल नहीं हुई अभी, ठहर, कलम ने बहुत कुछ बचा रक्खा है।।All Rights Reserved
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सागर खामोश है। मगर, लहरों ने शोर मचा रक्खा है।। बात मुकम्मल नहीं हुई अभी, ठहर, कलम ने बहुत कुछ बचा रक्खा है।।
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