काशी विश्वनाथ गर्भ ग्रह की स्वर्णिम आभा

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श्री काशी विश्वनाथ गर्भगृह दरबार की भीतरी तथा बाहरी दीवारों पर मढ़ा गया सोना। चमक बरकरार रखने के लिए चढ़ाई गई, एक्रेलिक शीट।
मंदिर पर गर्भ ग्रह की भीतरी दीवारें तो शिवरात्रि पर ही सोने से मढ़़ दी गई थीं, बाहरी दीवारों को सोने से मढ़ने का कार्य बुधवार 8 जून 2022 को पूरा कर दिया गया। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के आगमन से पहले यह कार्य पूरा कर लिया गया था।
        मंदिर प्रशासन के मुख्य कार्यपालक श्री सुशील कुमार वर्मा ने बताया------ दक्षिण भारत के एक कारोबारी ने गर्भ ग्रह को स्वर्ण मंडित करने के संकल्प के साथ 60 किलोग्राम सोना मंदिर प्रशासन को दिया था।
जनवरी में कार्य की शुरुआत पर पहले प्लास्टिक फिर तांबे के सांचे बनाए गए, फिर पूरे गर्भ ग्रह पर सोना मढ़ा गया। पहले झलक शिवरात्रि से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आगमन पर सबके सामने आई थी।
            मंदिर की भीतरी दीवारों पर 37 किलोग्राम तथा चारों दरवाजों सहित गर्भ ग्रह की बाहरी दीवारों पर 23 किलोग्राम सोना मढ़ा गया। श्री विश्वनाथ गर्भ ग्रह की स्वर्णिम आभा देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए थे। जय श्री बाबा काशी विश्वनाथ जी की -----धर्मे
    मंदिर की स्वर्णिम आभा की फोटो ऊपर है।

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