"कर पाओगी क्या?"

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अगर मुझे कभी नींद ना आये तोह मेरे हिस्से के ख्वाब तुम देख पाओगी क्या?
मेरे ख्वाबो में इश्क़ हकीकत से ज्यादा कातिल है मरने के बहाने ही सही करीब आ पाओगी क्या?
अगर मैं छेडु तुझे कभी अपने शेरो से और तू मुझे आवारा समझ ले,
तोह मेरी जान हमसे ज्यादा शरीफ भी कभी तुम बन पाओगी क्या?
कहते है अंदर और बहार इंसान की झलक अलग होती है, कभी तुझे अंदर की तस्वीर दिखाऊ तोह,
अपनी भीगी आँखों से मेरी तारीफ़ कर पाओगी क्या?

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⏰ Last updated: Apr 26, 2020 ⏰

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Ankahe Alfaaz🥀Where stories live. Discover now