मेरा

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कल जनाजा निकला था मेरा ,
और जलाने वाला कोई अपना ही था मेरा ।
मौत का ताण्डव भी था बस मेरा ,
और
मौत के मेले में आने वाला हर खरीददार भी था मेरा।
सब के सब रो रहे थे दिल करके नीलाम मेरा ,
मैं तो बिक ही गया ,
यह सोचता सोचता कि
अब कौन है मेरा
बस सब घडियाली आँसू बहाकर कह रहे है ,
कि यह बस था मेरा।
ना जानूँ मैं अब मैं किसका और कौन रै मेरा।
सुरुचि
Dastak_Ek_Awaaz
Alfaaz_Ek_Dastak

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⏰ Last updated: Jun 01, 2020 ⏰

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Dard -Ek apna saWhere stories live. Discover now