जिनका मिलना मुकद्दर में लिखा नहीं होता, उनसे मोहब्बत कसम से बा-कमाल होती है। दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो, ये ओर बात है कि किस्मत दगा कर गयी। जाने किस बात की उनको शिकायत है मुझसे, नाम तक जिनका नहीं है मेरे अफ़साने में। काश कि वो लौट के आयें मुझसे ये कहने, कि तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले।