चरण 2 • इंसानियत

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चेतन्य की कोई औलाद नहीं थी तो आपने पीढ़ी आगे बढ़ने के लिए उसने एक बिखरी की बेटी गोध ली थी।

यह इकलौती कहानी थी जो चेतन्य को उसके पिताजी का अंश झलकती थी।

जब चेतन्य लोगों को धमका था तो एक चाय की दुकान पे चाय जरूर पीटा था और वहा उसको एक बिखरी और उसकी बेटी रोज बिस्कुट या चाय मांगती थी और चेतन्य अपनी चाय और बिस्कुट दे दिया करता था तो एक दिन जब वो कही जा रहा तो उस बिखरी की बेटी रोते रोते उसके पास आई और कही की "चेतन्य मेरे पिताजी को आपके दुश्मनों ने मार दिया अब में किसको पिता मानूंगी और अब कोन मुझे बेटी वाला प्यार देगा।"

और वो छोटी लड़की फूट फूट के रोने लगी इसको देखें चेतन्य उठा और गाड़ी स्टार्ट करके उस बच्ची को लेके गया और उससे पूछा "किसने तेरे बाप को मारा"

बच्ची बोली - "राहुल रेड्डी"

(राहुल रेड्डी एक बहुत बड़ा गुंडा था जो इंसान की जान की जरा भी परवाह नही करता था वो इंसानों को आपने खेल के लिए मारा करता था)

चेतन्य ने आपने लोगों को कॉल किया और एक कॉल आता है उसके पास 30 मिनट में की "भाई रेड्डी खतम"

चेतन्य चोटी बची से बोलता है - "आज से तेरा बाप में"

तबसे लेके आज तक चेतन्य uss बच्ची को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है।

"एक दानव में भी दिल था यह एक अनाथ ने था बथलाया।"

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⏰ Last updated: Oct 24, 2021 ⏰

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