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एक शमां ताक पर, जलता रहा रात भर
एक चांद आसमां में चमकता रहा रात भरहुजूम-ए-अंजूम से भरे इस कहकशे में
तन्हा चांद आसमां में तड़पता रहा रात भरसियाह रात के अंधेरों से खलिश नहीं पर
इंतज़ार-ए-शफ़क में दिल मचलता रहा रात भरसुर्खरू चांद की चांदनी सरे कायनात में फिर भी
ख़्वाब चराग-ए-महर से ही क्यूं भरता रहा रात भरमुकद्दर के अंधेरे से ज़मीनी शफ़क का सफर
ख़्वाब के फ़सानो में बदलता रहा रात भरAria
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Poetryकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...