गेम

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मैं हंस दी और वो मेरे साथ मेरे कमरे में आ गया.
अपने कमरे में घुसते ही बाईं तरफ मेरा कंप्यूटर रखा था और उसके बगल में मेरा बेड था.वो कंप्यूटर के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया और मैं उसके बगल में बेड पर किनारे से बैठ गयी.

मैं जानबूझ कर इस तरह झुक कर बैठी थी कि मेरी नाइटी में से मेरी चुचियां उसको कुछ ज़्यादा ही साफ दिख रही थीं।
उसका ध्यान कंप्यूटर पर कम था और मेरे मम्मों की क्लीवेज पर ज़्यादा था।

कुछ देर बाद वो मेरी चूचियों को देखते हुए बोला- दीदी मैंने गेम डाउनलोड पर लगा दिया है, लेकिन आपका नेट बहुत स्लो है … तो इसको अभी डाउनलोड होने में एक घंटा लगेगा।

मैंने कहा- ओके.

वो बोला- तो अब मैं जाऊं?मैंने उससे कहा- अरे, करके जाना क्योंकि ये बीच में रुक गया तो मुझे तो वापस चलाना भी नहीं आता है?

वो बोला- दीदी, अभी देर ज़्यादा हो गयी है … घर से फ़ोन आने लगेगा और डांट अलग से पड़ेगी.

मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना लिया, तो वो कुछ देर सोचने के बाद बोला- सुनिए दीदी … अभी उसको एक घंटा लगेगा। जब तक आप खाना खा लो मैं 12 बजे के बाद आ जाऊंगा तो देख लूंगा।

उसको मैंने पूछा- रात के बारह बजे कैसे आओगे तुम?

वो बोला- अरे दीदी, उसका जुगाड़ है मेरे पास … जब सब सो जाएंगे तो मैं अपने कमरे की खिड़की से बाहर आ जाता हूं और रात भर के लिए फ्री कभी रात को पार्टी में जाना होता है, तो इसी तरह से करता हूँ।

मैं भी सोचने लगी कि मौका तो ठीक है और मुझे रात भर का समय भी मिल जाएगा लेकिन इतनी रात को इसको मेनगेट से अन्दर कैसे लाऊंगी, क्योंकि साढ़े ग्यारह बजे के बाद गेट बंद हो जाता है अगर मैं चुपके से खोलूंगी भी … तो कोई न कोई जाग जाएगा, इतना बड़ा गेट है, खुलने में आवाज करेगा।
तभी मेरी नज़र मेरे कमरे की खिड़की पर पड़ी। मेरा नीचे का कमरा था तो खिड़की खोलने पर बगल की गली पड़ती थी, जिसमें से कोई भी आसानी से अन्दर आ सकता था मैं उस खिड़की को बंद करके रखती थी।
मैंने उसको ये खिड़की वाला तरीका बताया और बोली- तुम मेरा नंबर ले लो, जब आ जाना … तो मुझे फ़ोन कर देना मैं खिड़की खोल दूंगी और तुम अन्दर आ जाना।

मदमस्त जवानी(Completed)Where stories live. Discover now