हम सात ज़रूर है लेकिन अच्छे अच्छों की संख्या पर भारी हैं।
हम अलग ज़रूर हैं लेकिन एकता में हमसे पहले आती नहीं किसिकी बारी है।।
हम छः लड़के हैं और हम में से एक नारी है।
पर फिर भी कोई सामने तो आए प्रतिस्पर्धा की पूरी तैयारी है।।
हम आपस में चाहे जितना लड़े।
दूसरों के सामने एकजुट हैं खड़े ।।
हम एक दूसरे को चाहे जितना अपमानित करें।
लेकिन हर कोई हमारे अपनेपन से डरे।।
हम थोड़े से पागल हैं।
हम थोड़े से अनाड़ी है।
हम थोड़े से लोफर है।
पर फिर भी कोई पूछे तो क्या कोई हमसे बेहतर है।।
ऐसे ही नहीं सब हमारी दोस्ती की दाद दे जाते हैं।
खुद से बेहतर हम एक दूसरे को जानते हैं।।हमारे सपने अलग हैं।
हमारे रास्ते अलग हैं।
हमारे तरीके अलग हैं।
हमारी उम्र अलग हैं।
पर फिर भी एक बिंदु पर जाके हम मिल जाते हैं।
और उसी बिंदु को दोस्ती का नाम दिलाते हैं।।
उसी बिंदु को दोस्ती का नाम दिलाते हैं।।This Poem is dedicated to all my friends those are mentioned in my book A JOURNEY TO SCHOOL.
THIS POEM CREATES A FEELING OF NOSTALGIA AROUND ME. I HOPE YOU ALL LIKE IT. PLEASE VOTE AND COMMENT FOR THIS POEM DEDICATED TO FRIENDSHIP. NOT FOR ME BUT FOR YOUR FRIENDS..........
YOU ARE READING
हिन्दी काव्य
PoetryHighest Rank- #1 in poem on 13th October,2022,#2 in poetry on 13th October,2022,#1 in हिंदीकविता on 13th October,2022.#1 in wattpadindiaawards2020 on 12th May,2021 #1 in शायरी on 13th October,2022.#3 in हिन्दी on 13th October, 2022,#1 in कविता 13th...