Untitled Part 28

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इस  बार  विनय  ने  आयशा  की  ओर  देखा  और  फिर  लैपटॉप  में  काम  करने  लगा। आयशा  को  विनय  पर  गुस्सा  भी  आ  रहा  था  और  उसे  भूखा  भी  नही  देखा  जा  रहा  था। वो  फिर  बोली-“खाना  खा  लो…………”कहते-कहते  वो  भावुक  हो  गयी  और  आगे  के  शब्द  कह  नही  पाई। इस  बार  फिर  विनय  आयशा  की  ओर  देखे  बिना  नही  रह  पाया,उसने  आयशा  की  रोनी  सूरत  देखी  तो  खाना  खाने  लगा  पर  आयशा  से  कुछ  बोला  नही। आयशा  की  आँख  से  आँसू  बहने  लगे। विनय  खाना  खाने  के  बाद  फिर  से  लैपटॉप  चलाने  लगा।

“तुम  मुझे  इतना  रुलाते  क्यों  हो?” आयशा  ने  कहा।

विनय  ने  उसकी  बात  पर  कोई  ध्यान  नही  दिया  और  लैपटॉप  में  इंटरनेट  चलाने  लगा। आयशा  उसके  बगल  में  बैठ  गयी  पर  विनय  ने  उसकी  ओर  देखा  भी  नही। आयशा  ने  लैपटॉप  बंद  करके  एक  किनारे  रख  दिया,विनय  फिर  भी  कुछ  नही  बोला  और  वहीं  लेट  गया।

“मुझे  माफ़  कर  दो,” आयशा  ने  विनय  से  कहा।

“सुबह  बात  करेंगे,” विनय  ने  कहा।

विनय  लेट  कर  सो  गया  पर  आयशा  की  आखों  में  नींद  कहाँ  थी  वो   देर रात तक जागती  रही,उसे  अपने  आप  पर  बहुत  गुस्सा  आ  रहा  था  कि  क्यों  उसने  विनय  पर  चीखा?

उसे  रात  में  कब  नींद  आ  गयी  उसे  पता  भी  नही  चला। सुबह  जब  वो  उठी  तो  देखा  की  विनय  घर  में  नही  था। आयशा  ने  खाना  नही  बनाया  और  अपने  ऑफिस  चली  गयी। शाम  को  7बजे  ऑफिस  से  वापस  आई  तब  भी  विनय  नही  आया  था। विनय  रात  के  11बजे  आया।

“कहाँ  गये  थे?” आयशा  ने  पूछा।

“काम  ढूढ़ने।”

आयशा  कुछ  नही  बोली  और  उसे  खाना  निकालकर  दे  दिया। खाना  खाने  के  बाद  विनय  लैपटॉप  चलाने  लगा।

“तुम  हर  समय  लैपटॉप  में  क्या  करते  हो?”आयशा  ने  पूछा।

“कुछ  नही।”

“कुछ  नही  क्या……? कुछ  तो  करते  ही  होगे।”

“मैं  इस  शहर  की  लैपटॉप  और  कंप्यूटर  की  बड़ी  दुकानों  के  बारे  में  पता  करता  हूँ,” विनय  ने  कहा।

“क्यों?”

“मैं  पता  कर  रहा  हूँ  की  ऐसा  कौन  सा  शोरुम  है  जिसकी  सबसे  कम  कमाई  होती  है  और  लागत  ज़्यादा  है। मैं  उन  शोरुम  से  एक  डील  करूँगा,” विनय  ने  कहा।

“कैसी?”

“तुम  ज़्यादा  कुछ  मत  पूछो,बस  इतना  समझ  लो  की  अब  हमारे  पास  पैसों  की  कोई  कमी  नही  होगी,”विनय  ने  कहा।

आयशा  विनय  के  सहारे  उसके  बगल  में  बैठ  गयी,कुछ  देर  बाद  विनय  ने  लैपटॉप  बंद  कर  दिया।

“मैं  कल  समीर  के  साथ  पार्टी  में  गयी  थी,”आयशा  ने  कहा।

“तुम  बता  कर  भी  जा  सकती  थी,” विनय  ने  कहा।

“मुझे  खुद  नही  मालूम  था  की  वो  मुझे  पार्टी  में  लेकर  जाएगा,वैसे  भी  मैं  बता  कर  गयी  थी  कि  मैं  समीर  के  साथ  जा  रही  हूँ,” आयशा  ने  कहा।

विनय  ने  उससे  कुछ  नही  कहा  और  सो  गया। कुछ  देर  बाद  आयशा  भी  सो  गयी। विनय  हर  रोज़  काम  की  वजह  से  बाहर  जाने  लगा  था। वो  पैसा  भी  अच्छा  कमाने  लगा  था  पर  वो  जितना  कमाता  था  वो  सारा  फिर  से  उसी  बिजनेस  में  लगा  देता  था।

***don't read deeply other wise you will fall in love with aysha.***

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017Where stories live. Discover now