मुख़ौटा

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मुझे ये मुख़ौटा भाने लगा है,
मेरा  चेहरा इसे अपनाने लगा है,
इसकी खासियत  तो सुनो दोस्तों,
ये दुश्मनों को देख मुस्कुराने  लगा है।

एक कविताWhere stories live. Discover now