वहां कौन है तेरा, मुसाफ़िर जाएगा कहां..🪷

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आप सब की मेरे स्वास्थ्य से जुड़ी शुभकामनाओं के लिए सहृदय आभार... जहां तक बात लेखन की है तो अभी भी मैं पूरी तरह से इसके लिए प्रेरित नहीं हूं और त्यौहारों के बीच ये संभव भी नहीं है।मैं आप सबके प्रेम से अभिभूत हूं, पर लेखन के लिए हर बात का समीकरण में बैठना ज़रूरी होता है।कई बार आपके पास समय होता है ,किंतु आप कुछ लिखना नहीं चाहते..हां,कई बार मन करता है कि काश वाणीबद्ध करके आप तक कहानी को पूरा ही सुना देती... हहाहा।पर आपके समय के लिए धन्यवाद..प्रयास है कि '' वादा ये है कि '' अगली किश्त गणेश चतुर्थी से पहले डाल दूं।दोस्तों,पढ़ाई भी करनी होती..आप सब दुआएं भेजते रहिए, मैं पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहती हूं और आपकी प्रार्थना मददगार होगी।

ईश्वर से सदा आप सबके अच्छे स्वास्थ्य और सुख की कामना करती हूं। ' पहला सुख निरोगी काया ' ,इस बात को मुझसे अच्छे से कोई नहीं जानता।मैं बहुत छोटी थी,तब से एक के बाद एक...बिना शरीर में किसी तकलीफ़ के दिन कैसा बीतता है,एक ज़माना हुआ है ये महसूस किए... स्कूल के दिनों में,जब सब दोस्त घूमने जाते,या खेलते थें... ख़ैर, सौ बातों की एक बात,अपने शरीर के लिए वक्त निकालें,चाहे आधा घंटा ही घूमें,पर समय निकालिए...ये ऐसा धन है जो मांगने से नहीं मिल सकता, मैंने अपनी पढ़ाई के आगे ,अपनी सेहत को नज़रंदाज़ किया,पर बिन शरीर आप किसी सुख का आनंद नहीं ले सकतें...तो ज़रूर अपने लिए वक्त निकालिए।
बचपन से ये प्रार्थना हम स्कूल में करते आएं हैं..

सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्चंतु, मा कश्चित दुःख भाग भवेत।

Vaada Ye Hai Ki Hum Nahin Aayenge Baar BaarWhere stories live. Discover now