लकीरों

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जो मेरी लकीरों में उसका नाम ना हो तो
जो मेरी लकीरों में उसका नाम न हो तो,

खुदा ऐसी लकीरों की जगह बस मुझे उसका नाम अपनी लकीरों में दर्ज़ करने भर की इजाज़त दे,

ताकि जब-जब हाथ उठे मेरे दुआ में
ताकि जब-जब हाथ उठे मेरे दुआ में,

चाहे एक दुआ मेरी कुबूल ना हो फिर भी शूकर होगा तेरा मेरे खुदा की उसका नाम मेरी लकीरों में है।

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Toh I know it is a bit on the shorter end this time par ye sher mujhe acha laga toh comment karke batao ki kasa hai ye and if you want sheres or more longer length poems

सिला-ए-दिलगि Where stories live. Discover now