For mummy's B Dayपहले माँ जन्मदिन पर केक लेकर आती थी, अब मैं लेकर आता हूँ
माँ तब भी पहले मुझे खिलाती थी , मैं अब भी पहले खाता हूँपहले माँ हाथ पकड़ कर चलाती थी,अब मैं पकड़ कर चलाता हूँ
माँ मेरे गिरने से घबराती थी ,अब मैं उसके गिरने से घबराता हूँसमय के साथ रिश्तों में कुछ चीजें बदल जाती हैं ,कुछ नहीं बदलती
माँ तब भी ज्यादा प्यार करती थी, मैं अब भी उतना नहीं कर पाता हूँअनुज
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शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी
Poetryकुछ कविताएँ कुछ शायरी ,कुछ जिंदगी की बातें ,जिनको पढकर आप अच्छा महसूस करेंगे