ये ठीक नहीं करते

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हंसतों को तुम रुलाते हो, ये ठीक नहीं करते
चाहने वालों को सताते हो, ये ठीक नहीं करते
कितने हो जाते हैं कत्ल, ये तुम्हें क्या मालूम
अंदाज जब अपने दिखाते हो,ये ठीक नहीं करते

दिल आशिकों के जलाते हो, ये ठीक नहीं करते
हम मासूमों को तड़पाते हो, ये ठीक नहीं करते
दिन भर करते रहते हैं, हम तुम्हारा इंतजार 
पर रात ख्वाबों में आते हो,ये ठीक नहीं करते

लाचारी पर मुस्कराते हो,ये ठीक नहीं करते
बात करने से कतराते हो,ये ठीक नहीं करते
कुछ लेकर कुछ देना है इस दुनिया का दस्तूर
दिल लेकर मुकर जाते हो, ये ठीक नहीं करते

प्यार में एहसान जताते हो,ये ठीक नहीं करते
घाव नजरों से दे जाते हो, ये ठीक नहीं करते
मिल जाओ कभी कि दिल को हो जाये तसल्ली
मिलकर और आग लगाते हो,ये ठीक नहीं करते

शायरी ,कविता, प्यार और कुछ जिंदगी Where stories live. Discover now