दीवाली

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आपको और आपके समस्त परिवार एंव बंधुओं को दीवाली की शुभकामनायें, इस कविता के साथ

मेरा प्यारा भारत है अनोखा देश
हम हर दिन यहाँ त्यौहार मनाते हैं
कभी होली पर रंग देते हैं सबको
कभी दिवाली पर दिये जलाते हैं

सभी त्यौहार हैं अपने आप में खास
आपको दीवाली के बारे में बताते हैं
इसीदिन रामचंद्रजी अयोध्या लौटे
इसीदिन दयानंदजी समाधि पाते हैं

छठे गुरू हरगोविन्दजीआजाद हुए
महावीर स्वामी निर्वाण को जाते हैं
सम्राट अशोक छोड़ अपनी गद्दी को
इसी दिन बौद्ध धर्म को अपनाते हैं 

हम घर की सफाई तो कर लेते हैं
पर मन की सफाई को भूल जाते हैं
पटाखे और मिठाई का याद रहता है
इसकी शिक्षा पर कम ध्यान लगाते हैं

सत्य एंव धर्म की राह पर चलकर ही
हम अपने जीवन में सफल हो पाते हैं
आओ दीवाली की ये सीख याद रखें
चलो हंसी खुशी से दीवाली मनाते हैं

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