Part - 6

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आखिर मैने आयशा को हाँ करने की सोच ली . . !

पर समझ नही आ रहा था,आज आयीं क्यों नही वो . . ? ?
मै गाते गाते नज़रें घुमा रहा था,इंट्री से लेके पूरे फ्लोर तक . . . !

क्या था ये . . ? ?
इंतजार . . ? ? ?
क्यों ? ? ?

ज़रूरत तो उसकी थी ना फ़िर मै क्यों इंतजार कर रहा था . ? ?

साला कुछ भी हो,आदमी आदमी ही होता है .

गलतफ़हमी कुछ ज्यादा ही जल्दी पाल लेता है .

कुछ तो मुझे भी हो रही थी,कुछ अजीब सी बैचेनी सी थी,कुछ छटपटाहट सी थी .

साला कल दीपक की बातों से खुद पे घमंड सा होने लगा था,आज नही आयीं तो. . . . ? ?

यार,ये लड़कियाँ होती ही ऐसी है,पहले खुद सामने से सिगनल देती है फ़िर ऐसे गायब होके नखरे करती है .

ऐसा थोड़ी होता है,समझना चहिये न लड़का नही बोल पा सक रहा है .

मेरी हालत को अमोल भाई समझ रहे थे शायद,दूर से ही इशारा किये कि बेटा आयेगी ठंड रख . . . !

मेरा मूड बिल्कुल ख़तम सा होने लगा था,गाने का .
तभी ऐसा लगा मानो हल्की बारिश की फ़ुहार आई हो कही से,आँखों में ठंडक सी आ गयी .
उसने क़दम रखा था,गोरा सा चेहरा,उसपे उड़ते वो हल्के भूरे से बाल .
नशे को नशा करा देने वाली वो नीली नशीली आँखें . . !

बस . . . !

अब और कोई आरजू नही,और कोई कमी नही .
दिल ही दिल में मुम्बई टू चण्डीगढ़ कॉल करके मम्मी को बता दिया तेरी बहू आ गयी माँ . . . !

हाहाहाहा . .
साला एक ही चीज़ तो टेक्स फ्री है और वो है सपने,तो दबा के देखता था मै .

फ़िर कल की तरह उसके जाम मेरे गाने चलते रहे,चण्डीगढ़ में मैने बड़े शराबी देखे थे,पर कोई लड़की इतनी पीये उसके बाद भी न उल्टी करे ना बेहोश हो ये पहली बार देखा था,कमबख्त हाइ क्लास थी पर थी तो बेवडी,मेरी माँ को तो अटैक आ जाना था ऐसी बहू देख कर . . . !

मेरे सपनों को ब्रेक तब लगी जब वो जाने लगी आज थोड़ा जल्दी और मुझसे बिना बात किये . . ?

यार ऐसे कैसे . . ?

खैर कल तक मैने बड़े भाव खाये थे,नखरे दिखाये थे शायद इसिलिए वो अब उम्मीद छोड़ चुकी थी .

" ओये बेवकूफ लड़की आज दिल बदल गया है मेरा,एक बार पूँछ तो सही "

" ओये रुक ना,पलट ना "

मेरा दिल पीछे से चीखे जा रहा था,पर अभी दिल मिले नही थे शायद इसलिए उसको मेरे दिल की आवाज़ सुनाई नही दी .

वो चली गयी . . . !

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