आखिर मैने आयशा को हाँ करने की सोच ली . . !
पर समझ नही आ रहा था,आज आयीं क्यों नही वो . . ? ?
मै गाते गाते नज़रें घुमा रहा था,इंट्री से लेके पूरे फ्लोर तक . . . !क्या था ये . . ? ?
इंतजार . . ? ? ?
क्यों ? ? ?ज़रूरत तो उसकी थी ना फ़िर मै क्यों इंतजार कर रहा था . ? ?
साला कुछ भी हो,आदमी आदमी ही होता है .
गलतफ़हमी कुछ ज्यादा ही जल्दी पाल लेता है .
कुछ तो मुझे भी हो रही थी,कुछ अजीब सी बैचेनी सी थी,कुछ छटपटाहट सी थी .
साला कल दीपक की बातों से खुद पे घमंड सा होने लगा था,आज नही आयीं तो. . . . ? ?
यार,ये लड़कियाँ होती ही ऐसी है,पहले खुद सामने से सिगनल देती है फ़िर ऐसे गायब होके नखरे करती है .
ऐसा थोड़ी होता है,समझना चहिये न लड़का नही बोल पा सक रहा है .
मेरी हालत को अमोल भाई समझ रहे थे शायद,दूर से ही इशारा किये कि बेटा आयेगी ठंड रख . . . !
मेरा मूड बिल्कुल ख़तम सा होने लगा था,गाने का .
तभी ऐसा लगा मानो हल्की बारिश की फ़ुहार आई हो कही से,आँखों में ठंडक सी आ गयी .
उसने क़दम रखा था,गोरा सा चेहरा,उसपे उड़ते वो हल्के भूरे से बाल .
नशे को नशा करा देने वाली वो नीली नशीली आँखें . . !बस . . . !
अब और कोई आरजू नही,और कोई कमी नही .
दिल ही दिल में मुम्बई टू चण्डीगढ़ कॉल करके मम्मी को बता दिया तेरी बहू आ गयी माँ . . . !हाहाहाहा . .
साला एक ही चीज़ तो टेक्स फ्री है और वो है सपने,तो दबा के देखता था मै .फ़िर कल की तरह उसके जाम मेरे गाने चलते रहे,चण्डीगढ़ में मैने बड़े शराबी देखे थे,पर कोई लड़की इतनी पीये उसके बाद भी न उल्टी करे ना बेहोश हो ये पहली बार देखा था,कमबख्त हाइ क्लास थी पर थी तो बेवडी,मेरी माँ को तो अटैक आ जाना था ऐसी बहू देख कर . . . !
मेरे सपनों को ब्रेक तब लगी जब वो जाने लगी आज थोड़ा जल्दी और मुझसे बिना बात किये . . ?
यार ऐसे कैसे . . ?
खैर कल तक मैने बड़े भाव खाये थे,नखरे दिखाये थे शायद इसिलिए वो अब उम्मीद छोड़ चुकी थी .
" ओये बेवकूफ लड़की आज दिल बदल गया है मेरा,एक बार पूँछ तो सही "
" ओये रुक ना,पलट ना "
मेरा दिल पीछे से चीखे जा रहा था,पर अभी दिल मिले नही थे शायद इसलिए उसको मेरे दिल की आवाज़ सुनाई नही दी .
वो चली गयी . . . !
![](https://img.wattpad.com/cover/41217138-288-k102105.jpg)
आप पढ़ रहे हैं
तू ज़रूरी सा . . . . !
Teen Fiction" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे टच करने की,दो टके के बार सिंगर हो तुम,लड़की नशे में देखी नही की टूट पड़े,आयशा राय को छूने से पहले अपनी औकात तो देखी होती . . ? " " तू ज़रूरी सा " नाम और कवर देख आप समझ ही गये होंगे कि स्टोरी में क्या है,जी हाँ एक बह...