जिन्दगी में ऐसे मी कुछ मोड़ आते हैं
अपने बेगाने होते जाते हैंफूल जिनको लहू से सींचा था
वे चमन छोड़ चले जाते हैंरिश्ते -नातों की डोर कच्ची है
उम्मीदों के धागे भी टूट जाते हैंदेखकर तुमको गम के साए में
साथ अपने साये भी छोड़ जाते हैंनज़रों में जिनको बसाया था कभी
नज़रें बचा कर निकल जाते हैंलम्हें उक्सर ऐसे भी आते हैं
प्यार के धागे भी टूट जाते हैं।
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