collage के बाद मैं और सुनील अपने रूम पर चले गए। अरे एक बात तो मैं बताना ही भूल गया ... दरअसल मैं और सुनील एक ही रूम में किराये से रहते थे।
" भाई इतना खोया - खोया क्यों है "| सुनील शायद मेरे दिल की बात भांपते हुए बोला |
मैं - " अ .. वव .. कुछ नी यार .. बस यूँ ही ।"
Suneel - सही है यार , अब भाई को भी मत बता।😩
Me - " यार ऐसी बात नहीं है , लेकिन जब से उसे देखा है , मेरा तो कहीं पर मन ही नहीं लग रहा।
Suneel - " किसे देखा है भाई 😮
Me - " रूकसार नाम है उसका ... शायद i like her यार ....💓
Suneel 😘 - " Ohoo मतलब भाई को प्यार हो गया .....
Me - 😊😊😊 ...
Suneel - " संघर्ष करो भाई .. हम तुम्हारे साथ हैं । "
Me - " अरे बिलकुल भाई .... लेकिन पढ़ाई 😢
Suneel - अरे वो तो चलती रहेगी ... but उसे कैसे impress करना है , तू ये सोच 💘
Me - Hmmm सही कहा यार ।
__________________अगले दिन | सुबह |
__________________Suneel - अबे मैं ये क्या देख रहा हूँ .. तू बन ठन रहा है ... Ohoo... गजब हो गया आज तो 😮
Me - अबे गजब तो उसी दिन हो गया था , जिस दिन तू पैदा हुआ था । ..... 😂😂
Suneel - कुछ भी हो ... आज तो हीरो लग रहा है मेरा भाई 👱
मैं - चल अब .. नहीं तो late हो जायेंगे ।
________________________________Or हम college पहुँच गए ....❤❤❤
________________________________अंदर जाते ही ... देखा कि .... रूकसार इसी तरफ आ रही थी। मुझे लगा वो मुझसे बात करेगी लेकिन वो सीधी निकल गयी ... और गुस्से मैं भी लग रही थी।
मैं उसके पीछे गया तो देखा कि वो सबसे छुपती हुई अकेले में रो रही है ।
मैं उसके पास गया ....
Me - ruksaar ... तुम रो रही हो ...
और मुझे देखते ही वो मेरे गले लग गई।
और फिर रोने लगी।Me - रूकसार ... देखो चुप हो जाओ .... मुझे बताओ क्या हुआ .... क्यों रो रही हो ...❤
Ruksaar - वो उसने मुझे आज फिर छेड़ा ...
Me ( गुस्से से ) - किसने ...
Ruksaar - रघु ....
और इतना सुनते ही मैं वहाँ से .... कैंटीन की तरफ जाने लगा ।
Ruksaar पीछे से मना करती रही पर मैनें उसकी एक ना सुनी .... भले ही रघु की यहाँ चलती थी , पर ये मेरे बर्दास्त के बाहर था ।
रघु के पास पहुँचते ही मैनें उसे एक जोरदार तमाचा मारा और उसे आगे ऐसा ना करने के लिए धमकाया भी।
ना जाने कैसे आज मुझमें इतनी हिम्मत आ गई थी ... शायद प्यार की ताक़त हो ....
______________________________Ruksaar - अमन तुमने मेरे लिए उससे क्यों दुश्मनी मोल ली .... तुम जानते नहीं हो उसे .. भले ही उसने अभी कुछ नहीं किया लेकिन वो इतनी आसानी से इस बात को नहीं भूलेगा।
Me - कल ही तुमने मुझे अपना दोस्त कहा था और अब देखो बोल रही हो कि ... मैंने ये क्यों किया ।
और रही बात उस रघु की ... तो मुझे उसकी फ़िक्र नहीं है।Ruksaar - लेकिन अमन मुझे तुम्हारी फ़िक्र हो रही है । अपना ख़याल रखना ... खुदा हाफ़िज , अब मुझे चलना होगा।
Me - bye ..... 😔
Ruksaar - bye अमन , तुम बहुत अच्छे हो 😚
और फिर वो अपने घर चली गई .........
और इस वक्त मेरी बस एक ही feeling थी ..... 😍😍😍😍 or wo thi 😍😍😍😍😍 (Love wali feeling ) .....
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तू चाँद सा ✓
Teen Fictionइस काहानी का नाम " तू चाँद सा " ही क्यों रखा ? अगर आपके मन में ये सबाल आया है;तो यकीन मानिए कहानी का सारांश आपके दिल में घर कर जायेगा । ये कहानी एक ऐसे प्रेम को दर्शाती है जो Unconditional है । इस प्रेम कहानी के सुख - दुःख को केवल वही समझ सकता है...