मोहबत्ते पायी है

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कुछ  ज़माने  देखे  है 

कुछ  ज़माने   आयगे 


कुछ  लम्हे   बीते  है

 कुछ  लम्हे  बिताने  है

इस  मधहोशी   भरी  ज़िन्दगी  से 

कुछ  बीते  हुए  पल  चुराने  है


कुछ  गलतियां  करि  है 

कुछ  सज़ाये  पायी   है 

कुछ  समझोतो  मैं  भी  मुस्कुराहटें   पायी  है


दिल  नहीं  मानता ,  मूढ़ता  ह  उन्  अँधेरी  गलिओं  मैं 

जहा  सब   कुछ   खो  कर भी दुआए पायी है


रुक  जाऊ  या  चल  दू  आगे 

ज़िन्दगी  भर  यही   दिक्कते  आयी  ह 

फिर  भी  हर  बार  हसकर  मैंने 

बलाये  ताली  है 


दिन  रात  ह  सोचा ,  जिन्हे 

उनसे  चोटें  खायी  है 

फिर  भी  खुद  से  इश्क़  करके  सिर्फ  मोहबत्ते  पायी  है  |


Short & SweetWhere stories live. Discover now