गरीब ~अमीर
गरीब का वकील,
गरीब का न्याय
गरीब की पुलिस,
गरीब की राय
गरीब की हंसी,
गरीब की खुशी
गरीब की बात,
गरीब की ठाठ
गायब है
कहाँ गायब है
गायब है या है ही नहीं
क्या गलत और क्या सही
भूख बड़ी या भैंस बड़ी
रोजी रोटी की जंग हर रोज
कहो कब किसने लड़ी?
अमीर का वकील,
अमीर का न्याय
अमीर की पुलिस,
अमीर की राय
अमीर की हंसी,
अमीर की खुशी
अमीर की बात,
अमीर की ठाठ
सब हाज़िर है
बेझिझक हाज़िर है
हाज़िर होगी और होगी क्यों नहीं
क्या गलत और क्या सही
दौलत बड़ी या भैंस बड़ी
फिर रोजी रोटी की जंग हर रोज
कहो कब किसने लड़ी?
-आशुतोष मिश्रा
Author's Note
1) Do you also feel there is a Social Divide in our society?
2) Could you relate to the poem?
3) What other social issues you feel often go unnoticed, please mention?
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दरवाजे पर दस्तक
الشعر[Highest rank: 34] तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी, तेरी रूह को मेरी नवाजिश रास आती थी! It's a collection of my Hindi/Urdu Poetry.