क़ैद

31 8 1
                                    


तुम कहती हो तो खुद को कमरे में क़ैद कर लेता हूँ
आदतें है जो मेरी काली, उन्हे सफेद कर लेता हूँ।
  
जानता हूँ यह जिस्म बन गया है अब कारखाना ,
इसे फिर से घर बनाने की जद्दोजहद कर लेता हूँ।










दरवाजे पर दस्तकWhere stories live. Discover now