वक़्त के खेल

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वक्त के खेल को
वो समझ नही पाया
प्यार के चक्कर में
उसने खुद को भुला दिया
भटकता फिरता है
डर बदर वो
सुनाते हुए अपने टूटे दिल की
शायरी वो ।।

दास्ताँ हमारीWhere stories live. Discover now