आना पर ऐसे मगर कि फिर जाना नहीं💞

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भाग -९ (Chapter -9 Aana Per Aise Magar Ki Phir Jaana Nahin💕Come but only if you intend to stay forever)

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राम के कमरे में...

Ram's room..

आदि- राम मेरे भाई, मैं आज बहुत खुश हूं।

Aadi- Brother Ram,I am so happy for you.

राम(आदि को देखते हुए)- पता है...सब ही ख़ुश हैं ना..?

Ram (looking at Aadi)- I know....everyone is happy,right..?

आदि(राम की पीठ पर हाथ रखकर)- और तुम,तुम ख़ुश हो ना राम?

Aadi (keeping a hand on Ram's back)-And you,are you happy Ram?

राम(गहरी सांस भरते हुए)- आदि,समझ नहीं आ रहा हैं कि एक दिन में सबकुछ बदल गया।हम तो यहां मना करने आए थे उन्हें,नहीं उसमें उनका नहीं ,सारा दोष हमारा ही है...(राम एक पल के लिए रुके और आदि की आंखों में झांककर बोलें)...पर नहीं हो पाया,आदि हम उन्हें मना नहीं कर पाए।जैसे हमनें अपने ऊपर से सब अधिकार खो दिए और...

Ram (Inhaling sharply)-Aadi,I don't know, everything has changed in a day only.I came here to say no to Her,no it has nothing to do with her but I am at fault..(Ram paused for a second and looking straight into Aadi's eyes uttered)..but I couldn't,I couldn't deny her.As if I had lost control over my senses and...

आदि - और अब सब प्रियाजी के वश में है,है ना?

Aadi- and now everything is under Priya's control, isn't it?

राम(बच्चें की तरह सर हिलाते हुए)- आदि,क्या आपने भी ऐसा ही अनुभव किया था....ये क्या हो रहा है? हमें डर है कि हम उन्हें एक खोखले और बिना प्यार के रिश्ते में ना बांध दें,हम उन्हें वो अकेलापन नहीं देना चाहते...

Ram (Nodding his head like a kid)- Aadi, Did you also feel something like this?.. What's happening ?I am afraid of tying her into a baseless ,loveless bond,I don't want to give her the same Loneliness...

आदि(राम को गले लगाते हुए)- सब ठीक है राम।जिस रिश्ते को तुम खोखला समझ रहे हो,प्रियाजी के आने से उस रिश्ते में, तुम्हारे ज़िन्दगी में जीवन का संचार होगा।
(राम के आंसू पोंछ कर)..राम,हम लड़कों को लगता है कि लड़कियों को हमारे साथ की ज़रूरत है,पर सच तो यह है कि हम उनके बिना नहीं जी सकते।
राम,मुझे भी लगता था कि शादी के बाद भी हम दोनों दोस्तों (बृंदा) के बीच में क्या नया होगा,हम तो एक दूसरे को पहले से जानते हैं।पर मैंने देखा कि कैसे वो मेरी पत्नी बनी और मुझे पति होने का अनुभव कराया।
एक दिन आया राम,जब इस सोच ने की अब हमारे घर एक ही है,अब हमें मिलने के बाद अलग अलग घरों की ओर नहीं जाना होगा...अब हम अपने छोटे से घर में साथ रहेंगे,इस ख़्याल ने जैसे हम दोनों को एक नए आदि और बृंदा से मिला दिया।

छाप तिलक सब छीनी रे....Where stories live. Discover now