💕जबतक पूरे ना हो फेरे सात,तबतक दुल्हन नहीं, दूल्हा की💕

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भाग- ३९(Chapter -39💕 Jab Tak poore na ho phere saat,tab Tak dulhan nahin dulha ki💕Unless the seven holy circles around the holy fire are done,the bride will not be considered as Groom's 💕)
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फेरे.....सात फेरे,इनका महत्व इसी से ज्ञात हो जाता है कि जब तक अग्नि को साक्षी मान ,वर वधू ये सात फेरेसंपन्न करें,तब तक विवाह को अपूर्ण माना जाता है, अर्थात् ईश्वर इस विधि को स्वीकार नहीं करतेविवाह का बंधन शरीर से परे,आत्मा जो कि अनंत है ,से जुड़ा हैअग्नि के सात फेरे लेकर और ध्रुव तारा को साक्षी मान कर, दो तन, मन तथा आत्मा, एक पवित्र बंधन में बंध जाते हैं। जैसे ध्रुव तारा सदैव स्थिरचमकता रहता है,उसी प्रकार दोनों का यह परिणय सूत्र भी दृढ़ और तेजस्वी सिद्ध हो...

इन सात फेरों के साथ सात वचन भी जुड़ें हैं ,जो कि वर वधू एक दूसरे को देते हैं, जिन्हें सप्तपदी भी कहते हैं

छाप तिलक सब छीनी रे....Where stories live. Discover now