12 / 04 / 2002
मार्च का महीना ख़त्म हो चुका था , मार्च की अमावस्या के बाद अब आज अप्रैल की अमावस्या थी , आज वही तारीख थी जिसका जिक्र आदमखोर ने उस दिन जाते - जाते किया था ।
( शाम के 6 बजे )
रात होने को थी । और मुझे न जाने क्या हो रहा था , मेरे शरीर पर जानवरों जेसे बाल आने लगे थे , नाखून बड़े हो चुके थे । में धीरे धीरे सब भूल रहा था और बस शिकार की तलाश में निकलने को बेताब था।
मुझे अचानक प्यास लगने लगी । में किचिन में गया और खूब पानी पिया लेकिन मेरी प्यास कम होने की बजाय और बढ़ती चली गयी ।
अन्य दृश्य ( Shyam ke Ghar Pe )
( जहाँ पर श्याम के मम्मी पापा नें एक पूजा का आयोजन किया था )
" हाँ , अब इस पूजा के अलावा और कोई चारा नहीं है। अगर तुम मरना नहीं चाहते तो तुम्हे इस पूजा में बेठना ही होगा । " एक बड़े से बाल बाले बाबा ने श्याम से कहा ।
" ठीक है , में तैयार हूँ " श्याम ने कहा ।
और उसने मुझे फोन किया ।
( मेरे घर पर )
मुझे अचानक श्याम का कॉल आया , मैनें फोन उठाया
" हेल्लो रोहन , जल्दी मेरे घर आजा , एक पूजा रखी है , हमारे काल निवारण के लिए । श्याम ने कहा।
" अरे नहीं भाई , मेरा आना पॉसिबल नहीं है । ऐसा कहके मेने फ़ोन काट दिया ।
लेकिन में मरा जा रहा था , प्यास के कारण । और पता नहीं मेरे पैर अपने आप ही गति करने लगे ।
और में सड़क पर तेजी से भागने लगा।रात गहरा चुकी थी , चारों तरफ गुप्प अँधेरा था ।
और में लगातार दौडे जा रहा था ।की तभी मुझे पता चला की में तो श्याम के घर की तरफ जा रहा हूँ ।
फिर कुछ ही देर मै , में वहाँ पहुच गया । देखा तो वहाँ
पांच लोग ही मौजूद थे ।
श्याम , उसके मम्मी-पापा , श्रुति और वो पंडित।में वहाँ पंहुचा तो श्याम बड़ा खुश हुआ।
" आ जा भाई , अच्छा किया जो तू आ गया । श्याम ने कहा ।
मुझे पता नहीं क्या हो गया था , की अचानक ही में चिल्लाने लगा , भेड़िये की तरह।
और श्याम पर झपट पड़ा ।
मेने उसका पूरा शरीर नोंच डाला । उसको बड़ी ही बेरहमी से मार दिया।मारने के बाद में उसका खून पिए जा रहा था ।
उसका खून पीने के बाद में उस पंडित पर टूट पड़ा और उसे मार कर उसका भी खून पी गया ।खून पीने के बाद जेसे में तृप्त सा हो गया था , और मेरे सारे बाल भी गायब हो गए।
नाखून भी सामान्य हो चुके थे । और साथ साथ में भी।पर जेसे ही में ठीक हुआ , तो सामने का नजारा देख चोंक गया ।।।
चारों तरफ खून पड़ा था और मेरे सामने ही मेरे भाई जेसे दोस्त की लाश पड़ी थी , जिसका जिम्मेदार में था।
मेरा रो रो कर बुरा हाल हो चुका था ।
में खुद को बहुत कोस रहा था ।।।।
बहुत ज्यादा ।की तभी ......
वहाँ वो फोटोग्राफर ( आदमखोर ) आ गया ।
और बोला ," मेरा झूठा जो पिया था तुमने तो फिर ये सब तो होना ही था।
चिंता मत करो मेरा आज का खाना तो हो जायेगा , लेकिन आगे तुम लोग तैयार रहना , हाहहाहा।और ऐसा कहकर वो श्याम और उस पंडित की लाश को नोंच नोंच के खा गया ।
और हम बस मूक दर्शक बने रोते रहे ।
उनकी लाश खाने के बाद वो वहाँ से चला गया।Rohit Chourasiya
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The Haunted Village #KULDHARA/india
Horrorये कहानी शुरू होती है राजस्थान के एक रहस्यमय गांव कुलधरा से। ये गांव एक श्राप के कारण 178 सालों से वीरान पड़ा है। 5 दोस्त जो कुलधरा की ट्रिप पर जाते है और वहां जाकर एक बहुत बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं। Unme se ek m bhi tha. Socha nahi tha ki kabhi me...