【A Strange Lady】

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वो लाश खाके जा चुका था ।

में रोता गिरता - पड़ता , लगभग ( 1 ) घंटे बाद अपने घर पहुंचा। में लगभग सामान्य हो चुका था , और शरीर से वो अनचाहे बाल भी चले गए थे ।

में खुद को कोश रहा था । और रोये जा रहा था।

की तभी अचानक मुझे खिड़की पर किसी की आहट सुनाई दी । केवल 1 सेकण्ड के लिए ।

लेकिन में समझ गया कि कोई तो है , जो मुझे देख रहा है ...... में आहिस्ते से खिड़की की तरफ बड़ा तो मुझे एक आहट फिर से सुनाई दी । ऐसा लग रहा था क़ि जैसे कोई औरत खिड़की के इस पार देखने की कोशिश कर रही हो ।

तो फिर मेने खिड़की की तरफ न जाने का फैसला लिया , और में पीछे के दरवाजे से घर के बाहर निकल आया । फिर में दवे पाँव उस आहट की ओर बड़ा तो देखा की वहाँ सचमुच एक औरत है ।

जो थोड़ी अजीब सी दिख रही थी। और वो बार बार उस खिड़की के पार देखने की कोशिश कर रही है ।
मेने उसे जोर की एक आवाज लगाई , " कौन हो तुम और ये बार बार खिड़की से क्यों झांक रही हो । "

" में ' माया ' हूँ । और उस आदमखोर से तुम्हे और तुम्हारी दोस्त श्रुति को बचा सकती हूँ । ," वो औरत बोली ।

" में ' माया ' हूँ । और उस आदमखोर से तुम्हे और तुम्हारी दोस्त श्रुति को बचा सकती हूँ । ," वो औरत बोली ।

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                                Maya

" लेकिन तुम्हे इस बारे में कैसे पता , और तुम श्रुति का नाम कैसे जानती हो । ," मैनें हैरानी से पुछा ।

" बस ये समझ लो की पिछले जनम के पुण्य का फल मिलने जा रहा है तुमको । ," माया ने कहा।

" में कुछ समझा नहीं , प्लीज आप खुल के कहिये जो भी कहना है और आप हमारी मदद क्यों करना चाहती हो। ," मेने थोड़े रोब से कहा।

" कुछ महीनों पहले में और मेरी पूरी फैमिली कुलधरा गए थे । वहाँ उस आदमखोर नें मेरे पूरे परिवार को मौत के घाट उतार डाला । में जब तक उसे मरते हुए ना देख लूँ , तब तक मेरे परिवार की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। ," माया ने एक गहरी साँस छोड़ते हुए
कहा।

" फिर आप कैसे बच गईं उसके चंगुल से । ," मेने उत्सुकता से पुछा।

" स्वामी जी की वजह से बची हूँ में , स्वामी देवानंद महाराज । ," माया ने कहा ।

" ओह अच्छा । ," मेने जवाबी रिएक्शन दिया।

" वो तो आज इस दुनिया में नहीं हैं । पर उनकी दी हुई शिक्षा हमेशा मेरे साथ है । उन्होंने बुरी ताक़तों का सामना करने की पूरी शिक्षा मुझे दी है । और मुझे पूरा विश्वाश है की हम उस आदमखोर का खत्मा करने में जरूर कामयाब होंगे । ," माया ने मुझे विश्वाश दिलाते हुए कहा।

में उन्हें अंदर ले गया और पानी पिलाया । जब तक सुबाह भी हो चुकी थी ।

जब मेने घडी की तरफ देखा तो 4:30 बज रहे थे ।
तो मेने फोन करके श्रुति को माया के बारे में बताया और उसे अपने घर बुला लिया।

हम दोनों के भीतर अब एक आस जग चुकी थी , कि शायद अब हम बच जायेंगे , लेकिन ये जंग इतनी भी आसान नहीं थी , क्योंकि वो आदमखोर काफी ताक़तवर था ।

हम दोनों के भीतर अब एक आस जग चुकी थी , कि शायद अब हम बच जायेंगे , लेकिन ये जंग इतनी भी आसान नहीं थी , क्योंकि वो आदमखोर काफी ताक़तवर था ।

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                     Rohit Chourasiya

The Haunted Village #KULDHARA/indiaWhere stories live. Discover now