【Meet Again Bhairav Singh】

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" रोहन अब आगे क्या करना है , " श्रुति नें मेरी ओर देखते हुए पूछा ।

" वो तो पता नहीं .. लेकिन जो भी करना है .. सोच समझ कर ही करना है , क्योंकि एक तो ये ग़ाँव इस वक्त 178 साल पीछे है और ऊपर से अब ये लाल किताब , " मैंने श्रुति का जबाब देते हुए कहा ।

" लेकिन इस लाल किताब से ज्यादा जरुरी ... उस उल्टे ' व ' की आकृति के रहस्य का पता लगाना है , " माया ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा ।

" हाँ .. पर ये भी तो हो सकता है कि .. उस उल्टे ' व ' की आकृति का रहस्य ... इस लाल किताब के खाली पन्नों में ही छिपा हुआ हो , " श्रुति बोली ।

" हाँ ... हो सकता है , " माया नें सहमत होते हुए कहा ।

" लेकिन माया एक बात समझ नहीं आई .. कि ये गाँव इस वक्त 178 साल पीछे है , तो अभी तक हमारे साथ कुछ भी अनहोनी कैसे नहीं हुई " , मैंने हैरानी से पूछा ।

 कि ये गाँव इस वक्त 178 साल पीछे है , तो अभी तक हमारे साथ कुछ भी अनहोनी कैसे नहीं हुई " , मैंने हैरानी से पूछा ।

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माया -  " याद है ... कुलधरा आते वक्त मैनें तुम लोगों को एक - एक सुपारी दी थी। "

मैं और श्रुति - " हाँ ...

माया - " वो कोई आम सुपारी नहीं थीं , वो मन्त्रों से सुसज्जित एक सुरक्षा कवच था ... जो हर बुरी ताकत से मनुष्य की रक्षा करता है। "

श्रुति - " हाँ , याद आया ... इसे देते हुए आपने बोला था , कि ... जब तक ये तुम्हारे पास रहेगीं तब तक कोई भी बुरी शक्ति तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती। "

माया - " हाँ ....

" लेकिन मुझे लगता है , मेरी सुपारी कहीं गिर गई है .." मैंने अपनी दोनों पॉकेट टटोलते हुए कहा। "

माया - " तो फिर तुमने उन बुरी शक्तियों का सामना कैसे किया। "

The Haunted Village #KULDHARA/indiaWhere stories live. Discover now