【Back To Kuldhara】

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अगले दिन सुबह ... श्रुति मेरे घर आई और उसने मुझे बीती रात के बारे में सब कुछ बताया।

" श्रुति तुम फ़िक्र मत करो मैनें माया को बुलाया है ... वो बस आती ही होगी ,' मैनें श्रुति को तसल्ली देते हुए कहा। "

कुछ ही देर में माया भी आ जाती है।

" आओ माया ,' मैनें कहा।

" श्रुति ... तुम ठीक तो हो ना ,' माया ने श्रुति से पूछा।

" हाँ , लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा है ," श्रुति बोली।

" डरने की जरुरत नहीं है , मुझे एक युक्ती सूझी है , जो उस आदमखोर से बचने का एकमात्र उपाय है ," माया ने गंभीर भाव से कहा।

" क्या ,' में और श्रुति एक साथ बोले।

" हमें दोवारा कुलधरा जाना होगा , अप्रैल का महीना ख़त्म होने को है और मई की ( 8 ) तारीख को दोवारा अमावस्या आने वाली है , हम ( 8 ) मई को यहाँ से कुलधरा के लिए रवाना होंगे ,' माया नें कहा।

" लेकिन हमें कुलधरा क्यों जाना है ,' मैनें परेशान होते हुए कहा।

" क्योंकि अगर तुम लोगों को हमेशा के लिए उस आदमखोर से छुटकारा पाना है ... तो कुलधरा तो जाना ही पड़ेगा ,' जहाँ से ये किस्सा शुरू हुआ है , अब ये वहीँ खत्म होगा। ... माया बोली।

" युक्ति क्या है ...' श्रुति नें पूछा।

" अमावस्या की उस रात को ये गांव फिर से 178 साल पीछे जायेगा .... और हमें उसी घर में जाना होगा जिस घर में तुम्हारे दोस्त की मृत्यू हुई थी , और वहां हमें मेरे गुरूजी की आत्मा को बुलाना होगा , वही हमें इस मायाजाल से निकलने का रास्ता दिखाएंगे । माया नें कहा।

" लेकिन उनकी आत्मा को तो हम यहाँ भी बुला सकते हैं ना , तो फिर कुलधरा ही क्यों  ,' मैनें पुछा।

" नहीं ... गुरूजी की आत्मा यहाँ कभी नहीं आएगी ,' माया बोली।

" पर क्यों ,' श्रुति नें कहा।

" क्योंकि ,' में उन्हें यहाँ बुलाने की नाकाम कोशिश कर चुकी हूँ । इसलिए अब मुझे यकीन है की उनकी पुण्य आत्मा वहाँ जरूर आएगी । माया बोली।

" तो हम 8 मई को ही निकलते है , कुलधरा  के लिए .... मैनें कहा ।

" ठीक है ,' श्रुति और माया एक साथ बोलीं ।

" ठीक है ,' श्रुति और माया एक साथ बोलीं ।

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Rohit Chourasiya

The Haunted Village #KULDHARA/indiaजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें