【सुराग : एक रास्ता】

257 13 7
                                    

काफी देर हो चुकी थी , ना वो लोग ( माया और श्रुति ) मुझे ढूढ़ पा रहे थे और ना ही मैं उन्हें ।

मैं उस वीराने में न जाने कहाँ गुम हो गया था ... मुझे कुछ भी अंदाजा नहीं था कि इस वक्त में उस वीराने के किस मोड़ पर खड़ा हूँ ।

काफी देर तक चलने के बाद मेरी सांस चढ़ गयी और पैर जबाब देने लगे थे ।

सोचा .... थोड़ी देर यहीं पर आराम करने के बाद ... उन लोगों को ढूँढता हूँ ।

मेरा गला पूरा सूख चुका था ... और इस वक्त मुझे पानी की सख्त जरूरत थी।

आस पास नजर घुमाई .. पर कुछ साफ़ नजर नहीं आ रहा था ... अँधेरा काफी घना था ।

इस घने अँधेरे और सुनसान वीराने में दूर दूर तक मेरे अलावा कोई भी नहीं था ... मैं काफी डरा हुआ था ।

हिम्मत तो नहीं हो रही थी ... लेकिन फिर भी मैंने जैसे तैसे आगे बढ़ना चालू किया ।

कुछ दूर चलने के बाद ... लगभग 100 मीटर की दूरी पर मुझे कुछ जलता हुआ दिखाई दिया ।

मैं जल्दी ही उसके करीब पहुँचा तो उस छोटी सी आग के पास मुझे एक बड़ा अजीब किस्म का निशान दिखाई दिया ।

Oops! This image does not follow our content guidelines. To continue publishing, please remove it or upload a different image.

मैं जल्दी ही उसके करीब पहुँचा तो उस छोटी सी आग के पास मुझे एक बड़ा अजीब किस्म का निशान दिखाई दिया ।

कुछ अजीब सा ही निशान था ... उल्टे " व " की आकृति जैसा लग रहा था ... मैं लगातार उसी निशान को देखे जा रहा था और उसके पीछे के रहस्य की कहानी जानने को बेहद उत्सुक था ।

मुझे इतना तो यकीन था की ... " हमारी इस लड़ाई का और इस निशान का कुछ तो सम्बन्ध है "

पर वो सम्बन्ध है क्या .... शायद इसी सवाल के जवाब मैं ही हमारी जीत छिपी हो ।

पता नहीं ... लेकिन जो कुछ भी हो ... इन सब के पहले मुझे माया और श्रुति का पता लगाना होगा ।

न जाने इस वीराने के किस मोड़ पर होंगे वो ।

न जाने इस वीराने के किस मोड़ पर होंगे वो ।

Oops! This image does not follow our content guidelines. To continue publishing, please remove it or upload a different image.

                    Rohit Chourasiya

The Haunted Village #KULDHARA/indiaWhere stories live. Discover now