बस तेरी याद में ...

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दुनिया से में छिपता - छिपाता ,
न जाने कब तुझको चाहने लगा !

न चाहते हुए भी चुपके से तेरे पीछे आने लगा !

तुझे देखे बिना न ही नींद आती , और न ही चैन ,
लगता है , ये दीवाना दिल कहीं खोने लगा ।
याद में तेरी रातों को रोने लगा !

सोचता हूँ ,
क्या था तेरा मेरा रिश्ता ?
जो तुम मुझे याद नहीं करते ,
और हम तुम्हे भुला नहीं पाते !

काश ! तुम मेरे होते , फिर रोज नए सबेरे होते ,

लेकिन ये हो न सका ....

तुम न मेरे हुए , और न ही मेरे दिल के
तुम तो बस मेरी यादों के होकर रह गए !

ये रिश्ता जो है , तेरे मेरे दरमियां ,
इक मुलाकात की ख्वाहिश रखता है !

दिल जलता है , रोता है ,
तेरी याद में ,
बस तेरी याद में !

Rohit chourasiya 】

【 Rohit chourasiya 】

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