दुनिया से में छिपता - छिपाता ,
न जाने कब तुझको चाहने लगा !न चाहते हुए भी चुपके से तेरे पीछे आने लगा !
तुझे देखे बिना न ही नींद आती , और न ही चैन ,
लगता है , ये दीवाना दिल कहीं खोने लगा ।
याद में तेरी रातों को रोने लगा !सोचता हूँ ,
क्या था तेरा मेरा रिश्ता ?
जो तुम मुझे याद नहीं करते ,
और हम तुम्हे भुला नहीं पाते !काश ! तुम मेरे होते , फिर रोज नए सबेरे होते ,
लेकिन ये हो न सका ....
तुम न मेरे हुए , और न ही मेरे दिल के
तुम तो बस मेरी यादों के होकर रह गए !ये रिश्ता जो है , तेरे मेरे दरमियां ,
इक मुलाकात की ख्वाहिश रखता है !दिल जलता है , रोता है ,
तेरी याद में ,
बस तेरी याद में !【 Rohit chourasiya 】
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#SADNESS
Poetryनिज़ात दे मुझे तेरे जसितां इश्क़ से महरवा ए मुहब्बत में अब हार गया हूँ मैं । 【Categories】in Hindi #true love poem's #one sided love poem's #sad poem's #poem's with emotions #dil se nikli poetry #and much more. By - Rohit chourasiya