उस दिन तेरे बेज़ान शरीर को कन्धा देकर
बहुत रोया था मैं !हर कदम , हर पल एक जंग थी !
बिन तेरे ये दुनिया बेरंग थी !वो खिलखिलाते रास्ते भी आज ग़मगीन थे !
आसमां भी आसुओं को ...
धरती के कटोरे में भरने पर मज़बूर था !तेरे साथ चलते हुए भी ,
क्यों मैं तुझसे काफी दूर था ?न आएंगे मेरी चौखट पर ये बीते पुराने लम्हे !
कैसे बताऊँ तुझे ?
उन लम्हों में तू ही मेरा गुरूर था !अब तो बस .... कंधे पर अर्थी और सामने गट्ठर नज़र आते हैं !
दो कदम के फासले आज मीलों के पत्थर नज़र आते हैं !
【 Rohit chourasiya 】
#True love is always unforgettable
أنت تقرأ
#SADNESS
الشعرनिज़ात दे मुझे तेरे जसितां इश्क़ से महरवा ए मुहब्बत में अब हार गया हूँ मैं । 【Categories】in Hindi #true love poem's #one sided love poem's #sad poem's #poem's with emotions #dil se nikli poetry #and much more. By - Rohit chourasiya