【 आँसुओं के झरोकों से 】

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आँसुओं के झरोकों से ,
ये नदिया सी आज बहने लगी !
बहते हुए आहिस्ते से ,
ये राज़ अपने कहने लगी !

चिड़ियों के घोंसलों सा मेरा दिल ,
न जाने आज क्यों डगमगाया है !
अहसास हुआ हमें ,
शायद प्यार का ये साया है !

आँगन में रखे उस दीपक से ,
चलना सीखा है मैंनें !
तड़पते हुए इस दिल से ,
आज जलना सीखा है मैंनें !

सावन की वो अनसुलझी कहानी ,
मुझे आज भी याद आती है !
खुशियाँ भी मिलती हैं हमें ,
और दर्द भी ये दे जाती हैं !

【 Rohit chourasiya 】

#SADNESSWhere stories live. Discover now