कभी हंसाता है , कभी रुलाता है ,
कभी लजाता है , कभी मुस्कुराता है !समझ ही नहीं आता , ये इश्क़ कैसा है ?
कभी सपने दिखाता है ,
कभी अपना बनाता है ,
कभी गुनगुनाता है ,
तो कभी सहम जाता है !लेकिन फिर भी समझ नहीं आता ,
ये इश्क़ कैसा है ?कभी ख़ुशी देता है ,
तो कभी गम ले लेता है ,
कभी गम देता है ,
तो कभी ख़ुशी ले लेता है !कोई तो समझाओ ,
ये इश्क़ कैसा है ?【Rohit chourasiya】
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#SADNESS
Poetryनिज़ात दे मुझे तेरे जसितां इश्क़ से महरवा ए मुहब्बत में अब हार गया हूँ मैं । 【Categories】in Hindi #true love poem's #one sided love poem's #sad poem's #poem's with emotions #dil se nikli poetry #and much more. By - Rohit chourasiya