आज भी छत पर गुमसुम बैठा हुआ था ...
तभी देखा ... एक पंछी जोड़ा उड़ता हुआ आया और आधे बने अपने घोसले में प्यार का तिनका रख ... आसमान में उड़ गया !
नये तिनके की तलाश में ...
कितने खुश थे वो ....
घोसले में साथ रहते !
उस पुराने पेड़ की सूखी डाली पर दोनों घण्टों बैठे रहते .... साथ में खाने की तलाश करते और शाम होते ही घर आ जाते !
कुछ ऐसी ही कहानी हमारी थी ...
पर अधूरी थी !
जब उसे चोट लगती थी ,
तो दर्द मुझे होता था !साथ बैठ ये जोड़ा ,
घण्टों तक रोता था !दिल के एक कोने में कुछ तो था ... जो हमे बांधे हुए था ... एक - दूसरे से ...
लेकिन ...
सारी दुनिया से छिपाकर रखे उस रिस्ते को नाम मिलने से पहले ही वो वीरान हो गया !
..
..
..
..
अनायास ही उन पंछियो को देख ...
आज ख़याल आया ......
के काश ! वो पंछी हम होते ....
【 Rohit chourasiya 】
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#SADNESS
Poetryनिज़ात दे मुझे तेरे जसितां इश्क़ से महरवा ए मुहब्बत में अब हार गया हूँ मैं । 【Categories】in Hindi #true love poem's #one sided love poem's #sad poem's #poem's with emotions #dil se nikli poetry #and much more. By - Rohit chourasiya