【 आँसू भी बरसात में अब तो 】

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दर्द मेरे यूँ ओले बनकर ,
बार बार मिट जाते हैं !
आँसू भी बरसात में अब तो ,
सूरज से छिप जाते हैं !

तिनके तिनके जोड़ कर ,
दिल मैनें जो बाँधा रे !
टूटे से दिल के टुकड़े को ,
दिया है मैनें कांधा रे !

किया था वादा , तोड़ दिया सब ,
फितरत तेरी जान गया !
न आयी तू फिर से जालिम ,
आज में तुझको मान गया !

कब्र खुदी है अब तो यारों ,
बिखरे सब अरमान हैं !
खड़ा हूँ दिल की राख़ लिए ,
सामने बस शमशान है !

【 Rohit chourasiya 】

【 Rohit chourasiya 】

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