कभी जिंदगी कभी बंदगी

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कभी जिंदगी कभी बंदगी ने मारा किया मुझे,
कभी रोशनी कभी अंधेरों ने हाराया किया मुझे!

कभी ख्व़ाबों कभी आँखों ने ड़ेरा किया मुझे,
कभी रातों कभी ख़यालो ने तराशा किया मुझे!

कभी दर्द़ तो कभी सर्द़ ने नजारा किया मुझे,
कभी सहरा कभी लहरों ने ख़ारा किया मुझे,

कभी पत्तों कभी हवाओं ने आवारा किया मुझे,
कभी खुशबु कभी जुल्फों ने बरबाद किया मुझे!

कभी तजुर्बों कभी होश़ों ने सँवारा किया मुझे,
कभी गाँव कभी शहरों ने गँवारा किया मुझे!

अक़्स Where stories live. Discover now