आपको पेट भरना है तो मुर्गी ले जाइए, दावत देनी है तो बकरा, और नेता बनना है तो गाय ले जाइए!
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कुर्सी पर बैठे नेता के लिए सच के आस पास मंडराती जनता से ज़्यादा ख़तरनाक कुछ भी नहीं है!
हाँ - हाँ , एटम बॉम्ब भी नहीं!
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जिस जनता ने बड़ा नेता बनाया अब वही बड़ा नेता जनता को बना रहा है!
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देख तमाशा: लघु कथाओं का संग्रह
Short Storyरचना - देख तमाशा लेखक - आशुतोष मिश्रा देख तमाशा दरअसल दिल की डाइयरी जैसी है! जो अच्छा लगा, लिख दिया! ज़्यादा कुछ सोचा नहीं! यहाँ आपको लघु कथायें, विचार, कुछ कवितायें, कुछ गुदगुदाती बातचीत, कुछ अजीबोगरीब किस्से मिल सकते हैं! आशा है आपको यह सं...