6 | नदी

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धनपत: सरकार चाहती है की नदी का पानी साफ हो जाए इसीलिए नदी के तट को इतना सुंदर बना दिया।

गणपत: पर नदी तो अब भी गंदी ही है।

धनपत: हाँ तभी तो सरकार ने यहाँ मुफ़्त इंटरनेट की सेवा दी है।

गणपत: पर नदी तो साफ नहीं हुई है।

धनपत: ओफ्फो! तुम्हें क्या यह शानदार स्ट्रीट लाइट और इतनी सुंदर मूर्तियाँ नहीं दिख रही है।

गणपत: पर नदी का पानी अब भी गंदा ही है।

धनपत: गंदा पानी नहीं गंदी तुम्हारी सोच है जिसे इतना भायानक विकास दिखाई नहीं दे रहा है।

गणपत: लेकिन फॅक्टरी से आ रहा कूड़ा ही नदी को गंदा कर रहा है।

धनपत: इसमें फॅक्टरी बीच में कहाँ से आई।

गणपत: फॅक्टरी के मालिक और नेता के बीच समझौता हुआ है।

धनपत: तुम तो भाई एकदम पत्रकार की तरह बात कर रहे हो। यह सब अफवाह है। सरकार सबका भला अच्छे से जानती है।

गणपत: हाँ, इसीलिए नदी गंदी है!

धनपत: नदी गंदी नहीं है, नहीं है, नहीं है। बस तुम्हारी स्वच्छता का स्तर बदल गया है। इतने सवाल मत करो, चुपचाप इंटरनेट जो मिल रहा है मुफ्त का इस्तेमाल करो और आगे बढ़ो।

गणपत: हाँ तो कब से पासवर्ड ही तो पूछ रहा हूँ। तुम ही नदी बीच में ले आये।

देख तमाशा: लघु कथाओं का संग्रहWhere stories live. Discover now